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Tirupati Mandir Stampede: तिरुपति मंदिर में भगदड़, 6 लोगों की मौत

तिरुपति मंदिर में बुधवार रात भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 तीर्थयात्री घायल हुए हैं।

तिरुपति। (Tirupati Mandir Stampede) आंध्र प्रदेश के तिरुपति में बुधवार शाम बड़ा हादसा हो गया, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई। यह भगदड़ तब मची जब सैकड़ों भक्त भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के वार्षिक वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट प्राप्त करने के लिए एकत्र हुए थे। यह घटना तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित मंदिर के पास हुई, जहां भक्तों की भारी भीड़ टोकन प्राप्त करने के लिए धक्का-मुक्की कर रही थी। तिरुपति मंदिर में भगदड़ के कारण एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की जान चली गई और 40 लोग घायल हो गए। इस भगदड़ में 6 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घटना तब हुई जब वार्षिक वैकुंठ एकादशी के लिए दर्शन टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हुई और काउंटरों पर अचानक भारी भीड़ उमड़ पड़ी। (Tirupati Mandir Stampede)

(Tirupati Mandir Stampede) वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए जुटी थी भीड़

वैकुंठ द्वार दर्शनम 10 जनवरी से शुरू होने वाला था, जो एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, और इस अवसर पर देशभर से बड़ी संख्या में भक्त तिरुपति आए थे। ऐसे आयोजनों के दौरान इस तरह की भगदड़ की घटनाएँ चिंता का विषय बन जाती हैं, और इससे संबंधित सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन की आवश्यकता को फिर से रेखांकित किया जाता है।

यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि श्रद्धालुओं की भारी संख्या और उचित प्रबंधन की कमी के कारण ऐसी घटनाएं हो सकती हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता है, विशेष रूप से जब धार्मिक आयोजनों में बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं।

इस घटना के बाद, टीटीडी और स्थानीय अधिकारियों ने स्थिति को संभालने के लिए राहत कार्य शुरू किए, लेकिन यह घटना एक बड़ा सुरक्षा मुद्दा बन गई है। अब इस पर कड़ी कार्रवाई और बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की भगदड़ की घटनाओं को रोका जा सके।

टीटीडी ने मांगी माफी
तिरुपति में हुई भगदड़ की घटना पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने माफी मांगी है। टीटीडी के बोर्ड सदस्य भानु प्रकाश ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के भक्तों से इस हादसे के लिए माफी मांगी। उन्होंने स्वीकार किया कि इस घटना में कुछ खामियां थीं और कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि खोई हुई जिंदगियां वापस नहीं लाई जा सकतीं।

इस घटना के बाद एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें पुलिस कर्मियों को महिला भक्तों को सीपीआर (cardiopulmonary resuscitation) देते और घायल व्यक्तियों को एंबुलेंस में ले जाते हुए देखा गया। यह दृश्य इस बात को दर्शाता है कि पुलिस और अन्य राहत कार्यकर्ता स्थिति को संभालने में जुटे थे, लेकिन इतनी बड़ी भीड़ और भगदड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तिरुपति में हुई भगदड़ पर गहरा दुख जताया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायल व्यक्तियों की शीघ्र स्वस्थता की कामना की। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि आंध्र प्रदेश सरकार घटना के पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी तिरुपति भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और दुख जताया। इस घटना ने न केवल आंध्र प्रदेश बल्कि पूरे देश को गहरे शोक में डुबो दिया है। यह हादसा इस बात को भी रेखांकित करता है कि धार्मिक आयोजनों और श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

चश्मदीद ने बताया कैसे हुई भगदड़
मंदिर में भगदड़ को लेकर मौके पर मौजूद एक महिला ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जैसे ही पुलिस अधिकारियों ने गेट खोला, तीर्थयात्री टोकन खरीदने के लिए दौड़ पड़े। पहले टोकन प्राप्त करने के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने कहा कि मेरे परिवार के छह लोग भी घायल हो गए हैं। हम 11 बजे से कतार में लगे थे। हमें दूध और बिस्कुट दिए गए थे।

इसलिए मची भगदड़
हजारों श्रद्धालु पवित्र वैकुंठ एकादशी के अवसर पर दर्शन के लिए टोकन लेने पहुंचे थे। गुरुवार सुबह 5 बजे से 9 काउंटरों पर टोकन बांटने का कार्यक्रम था। तिरुपति शहर में आठ स्थान पर टिकट वितरण के केंद्र बनाए गए थे, लेकिन शुभ अवसर को लेकर श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहले ही वहां जमा हो गए और शाम को एक स्कूल पर बने केंद्र पर भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने जताया दुख
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा शोक जताया और राहत कार्यों का वादा किया। जहां उन्होंने हादसे के तुरंत बाद तिरुपति प्रशासन और टीटीडी के अधिकारियों के साथ टेली कॉन्फ्रेंस कर जानकारी ली और जरूरी आदेश दिए। वहीं, गुरुवार को मुख्यमंत्री दोपहर में खुद तिरुपति पहुंच स्थिति का जायजा लेंगे। इस बीच विपक्ष YSRCP ने इस हादसे को लापरवाही का नतीजा बताया और दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है। इस हादसे पर प्रधानमंत्री ने भी शोक जताया है।

वैकुंठ एकादशी का कार्यक्रम
वैकुंठ एकादशी शुक्रवार (10 जनवरी 2025) को मनाई जाएगी। टीटीडी ने इस पवित्र अवसर पर 10 जनवरी से 19 जनवरी तक तिरुमाला में पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए खास व्यवस्था की है।

वैकुंठ द्वार दर्शन का महत्व
वैकुंठ एकादशी हिंदू पंचांग के धनुर मास (धनु सूर्य मास) में आती है। इसे तमिल परंपराओं में धनुरमास या मार्गज़ी मास कहा जाता है। यह शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ते चरण) की एकादशी है, जो कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के घटते चरण) की एकादशी से अलग है। वैकुंठ एकादशी का निर्धारण सौर कैलेंडर के आधार पर होता है, जिसके कारण यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के मार्गशीर्ष या पौष मास में पड़ सकती है। इस दिन व्रत का पालन करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से वैकुंठ धाम के द्वार खुलने का विश्वास है। यह दिन विशेष रूप से आध्यात्मिक महत्व रखता है और मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है।

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