श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम एवं भंडारा
लखनऊ के बिजनौर स्थित आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेजेस परिसर में बनाया गया है भगवान भोलेनाथ का भव्य मंदिर
Sudhir Kumar
लखनऊ। Shri Someshwar Mahadev Mandir Pran Pratishtha News अभी हाल ही में अयोध्या स्थित प्रभु श्रीराम लला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को तो आप भूले भी नहीं होंगे। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में तमाम नामी हस्तियां और लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची थी। अब लखनऊ के बिजनौर स्थित आर्यकुल ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस परिसर में बनाये गए श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर (Shri Someshwar Mahadev Mandir Lucknow) में भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। ऐसे में आप लोग भारी संख्या में पहुँच कर प्राण प्रतिष्ठा में भाग लें।
कालेज के प्रबंध निदेशक डॉ.सशक्त सिंह ने कहा कि परम् पिता के आशीर्वाद और माँ – पिता की सदीक्षा से आर्यकुल विद्यालय परिसर में निर्मित श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर में ईश्वर की प्राण प्रतिष्ठा (सायं 2:39 बजे) एवं प्रसाद वितरण (भंडारा – साये 6:00 बजे से प्रभु इक्षा तक) का कार्यक्रम 21 अप्रैल 24 को नियत हुआ है। सभी श्रद्धालुगण सादर आमंत्रित है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले 19 अप्रैल 2024 को वेदी पूजन व जलाधिवास, 20 अप्रैल 2024 को अन्नाधिवास, पुष्पाधिवास, अग्निस्थापन व आहवाहन और 21 अप्रैल 2024 को मूर्ति स्नान, श्रंगार, शोभा यात्रा, मंदिर दर्शन, शय्याधिवास, मूर्ति न्यास, प्राण प्रतिष्ठा, शिव पार्वती विवाह Shri Someshwar Mahadev Mandir Pran Pratishtha और भंडारा का आयोजन किया गया है।
इससे पहले आर्यकुल कालेज में मनाई गई बाबा साहेब की जयंती
बिजनौर स्थित आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेजेस में 14 अप्रैल 2024 को भारतीय संविधान के शिल्पकार, सामाजिक समता के अमर नेता ‘भारत रत्न’ डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती मनाई गई। इस मौके पर कालेज के प्रबंध निदेशक डॉ.सशक्त सिंह ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर एक वकील, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ के साथ समाज सुधारक भी थे। सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान भी चलाए। दरअसल, भीमराव आंबेडकर को बचपन में ही छुआछूत का सामना करना पड़ा था। बाबासाहेब को प्रारंभिक शिक्षा लेने में भी कठिनाई हुई थी लेकिन इन सबके बावजूद भी आंबेडकर ने उच्च शिक्षा हासिल की और देश के पहले कानून मंत्री बने। उन्होंने दलित समाज के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। सामाजिक भेदभाव के खिलाफ भी अभियान चलाए। डॉ. आंबेडकर को अगस्त 1947 में भारत के संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। संविधान को तैयार करने में उन्हें 2 साल 11 महीने और 17 दिन लगे। डॉ. भीमराव आंबेडकर ने एक शिक्षक, पदाधिकारी, समाजसेवक, पत्रकार, राजनेता, संविधान निर्माता, दार्शनिक, विचारक, वक्ता आदि रूपों में समाज और देश की सेवा कर अनूठी छाप छोड़ी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्रधानाचार्या और एबीवीपी की प्रांत उपाध्यक्ष डॉ. मृदुला उपाध्याय ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और बताया कि भारतीय संविधान निर्माण में बाबा साहब की भूमिका अविस्मरणीय है, राष्ट्र की एकता व अखंडता को उन्होंने सदैव सर्वोपरि रखा। उन्होंने शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया उन्होंने पूरे भारत को संविधान सूत्र से जोड़कर देश की एकता और अखंडता को नई मज़बूती प्रदान की। यह देश उनके योगदान को कभी भुला नहीं सकेगा। वहीं केन्द्रीय विवि कार्यप्रमुख अवध प्रांत अपूर्वा सिंह ने अपने संबोधन में वोट की जागरूता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेजेस में शिक्षा व प्रबंधन संकाय,पत्रकारिता की उप निदेशिका डॉ. अंकिता अग्रवाल, फार्मेसी एंड रिसर्च के उपनिदेशक डॉ. आदित्य सिंह, डॉ. स्नेहा सिंह, प्रणव पांडेय, राजेश मौर्या, आकांशा सैनी, मोहिनी सिंह, विनीता दीक्षित, डॉ. अंकिता श्रीवास्तव, दीपिका कुमारी, वर्तिका सिंह, निकिता गुप्ता इंद्रदेव पांडेय, राहुल शर्मा व अन्य शिक्षणगण कार्यक्रम में उपस्थित हुए।
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