उत्तर प्रदेशक्राइम

Shahjahanpur News: ‘दरोगा’ ने मुकदमा चलाने के लिए मांगे 5000 रुपये, बोला रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करो

कॉल रिकार्डिंग सुनने के बाद पुलिस 'दरोगा' की तलाश में जुट गई है।

शाहजहांपुर। (Shahjahanpur News) उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद में एक हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। यहां एक ‘दरोगा’ ने पीड़ित को फोन किया और बोला थाने से दरोगा बोल रहा हूं। मारपीट के मामले में मुकदमा चलाना चाहते हो या बंद कर दें। कार्रवाई चाहते हो तो अभियुक्तों का वारंट जारी कराने के लिए पांच हजार रुपये खर्च आएगा। यह रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कर दो, वरना केस बंद हो जाएगा। (Shahjahanpur News)

जानकारी के मुताबिक, थाना रामचंद्र मिशन क्षेत्र के मोहल्ला चमकनी गाड़ीपुरा निवासी अनिल के पास रविवार की सुबह आठ बजे किसी ठग ने फोन पर यही बात की। ठग दरोगा बनकर पीड़ित को फोन करके रकम ऐंठने के जुगाड़ में लगा था लेकिन उसे पता ही नहीं था कि पीड़ित ने उसकी कॉल रिकार्ड कर ली है। पीड़ित रिकार्डिंग लेकर थाने पहुंचा और इंस्पेक्टर साहब को रिकार्डिंग सुनवाई। कॉल रिकार्डिंग सुनने के बाद पुलिस ठग की तलाश में जुट गई है।

बता दें कि अनिल ने गत 23 अगस्त की रात मोहल्ले के राहुल, बब्लू, पप्पू और आकाश के खिलाफ घर में घुसकर भाई अमर व अनुज और मां चैना देवी से मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बीते दिन सुबह विवेचक एसआई विमल कुमार मामले की जांच के लिए थाना गए थे।

उन्होंने वादी को बुलाकर घटना की जानकारी भी ली। इसलिए रविवार को जब अनिल के पास फोन आया तो उन्हें शक हो गया। दरअसल, फोन करने वाला शख्स थाने न बुलाकर ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर करने पर जोर दे रहा था। कह रहा था कि सीधे रुपये लेने होते तो तब ही ले लेते जब एफआईआर कराने आए थे। सबके सामने रुपये देंगे तो बात नौकरी पर आ जाएगी।

शक होने पर अनिल ने थाने पहुंचकर विवेचक समेत इंस्पेक्टर चंद्र प्रकाश शुक्ला को काॅल रिकार्डिंग सुनाई। जिस नंबर से कॉल आई थी, उसे इंस्पेक्टर ने अपने फोन से डायल किया तो नंबर स्विच ऑफ बताने लगा। पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए कॉल करने वाले व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी है।

यूपी कॉप एप्प से पीड़ितों के नम्बर निकालकर ठगी करते हैं ठग
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि यूपी काॅप एप के जरिए ठग वादी मुकदमा का नंबर तलाश कर उनसे ठगी करने के लिए काल करते हैं। ऐसी कॉल आये तो रिकार्डिंग अवश्य कर लें और सावधान हो जाएं एवं अपने निकट के थाना में शिकायत करें।

ऐसे बरतें सावधानी

  • प्रत्येक एफआईआर में विवेचक और प्रभारी निरीक्षक का नाम और मोबाइल नंबर रहता है। इस तरह की कॉल आने पर उसे तत्काल विवेचक या थाना प्रभारी से फोन पर या स्वयं मिलकर साझा करें।
  • कोई भी सरकारी कर्मचारी या पुलिस कर्मी फोन पर बात कर रिश्वत की मांग या रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कराने को नहीं कहेगा। अगर कहता है तो इसकी शिकायत अवश्य करें।
  • फोन पर अंजान व्यक्ति को किसी भी दशा में रुपये ट्रांसफर न करें और ना ही ओटीपी वगैरह साझा करें।
  • इस तरह की फोन कॉल आने पर उसकी रिकार्डिंग जरूर कर लें। इससे पुलिस को ठग की पहचान करने में आसानी होगी।

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