उत्तर प्रदेशलखनऊ

Pantnagar Bulldozer : पंतनगर में लाल निशान से गुस्साए लोगों ने घर के बाहर चिपका दी रजिस्ट्री की कॉपी

हमारे पास रजिस्ट्री है, दाखिल ख़ारिज है, सरकार के नियम के हिसाब से हम लोग सारे बिल दे रहे हैं, तो आखिर हम अवैध कहां से हुए।

लखनऊ। (Pantnagar Bulldozer) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी के सौंदरीकरण को लेकर चल रहे काम के बीच एलएमडीए ने पहले अकबरनगर के फेस वन और फेस टू का ध्वस्तीकरण कराया। उसके बाद अब एलडीए खुर्रम नगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थ नगर, रहीम नगर, अबरार नगर में स्थित मकान का सर्वे कर वहां पर लाल निशान लगा दिया है। इस सर्वे के पूरा होने के साथ-साथ लोग काफी डरे हुए हैं। लोगों का कहना है कि उनका यह मकान वैध है। उनके पास उनको मकानों की रजिस्ट्री के कागज भी हैं और लोगों ने अपने मकान की रजिस्ट्री की कॉपी अपनी गेटों पर चस्पा करना शुरू कर दिया है। (Pantnagar Bulldozer)

Pantnagar Bulldozer: ….मकान वैध है, अवैध नहीं

यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि शासन प्रशासन तक अपनी पीड़ा पहुंचाने के लिए उन्होंने यह तरीका अपनाया है। शनिवार को पंतनगर में 50 से अधिक लोगों ने अपने घरों पर रजिस्ट्री का कागज चस्पा किया है। इस जगह पर जमीन बेचने वालों और खरीदारो का पूरा ब्योरा दर्ज है। लोगों ने अपने कागज चस्पा करने के बाद कहा कि उनका मकान वैध है, अवैध नहीं है। (Pantnagar Bulldozer)

आपको बता दें कि सिंचाई विभाग ने यहां सर्वे का काम पूरा कर लिया है। अब एलडीए सोमवार से ग्रीन बेल्ट पर बनी कॉलोनी का घर-घर सर्वे करेगा। इसके लिए एलडीए ने नगर निगम की मदद ली है। नगर निगम के द्वारा जारी की गई गृहकर निर्धारण रिपोर्ट के आधार पर लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा

इन जगहों पर रह रहे लोगों ने यहां हो रहे सर्वे के विरोध में ट्रांस गोमती संघर्ष समिति बनाई है। लोगों का कहना है कि कॉलोनी में रहने वाले लोगों के पास जमीन और मकान के सभी दस्तावेज मौजूद है। इसके बावजूद प्रशासन उनको बेघर करने की तैयारी कर रहा है। इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए लोगों ने कहा कि अगर कॉलोनी अवैध है तो विभागों ने आज ताज सड़क, पानी, सीवर और लाइट की सुविधा क्यों दी है। इसके अलावा यहां अभी तक हुए विकास कार्यों में माननीयों के नाम की शिलापट भी लगी हुई है। जिसमें लखनऊ से सांसद और गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व सीएम अखिलेश यादव, मंत्री सुरेश खन्ना, पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन, पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया के साथ अधिकारियों में इंद्रमणि त्रिपाठी, प्रकाश सिंह, एससी सी राय के नाम भी शामिल हैं।

25 साल से वैध घर, अब अवैध कैसे
अपने आशियाने को बचाने के लिए महिलाएं भी एकजुट हो गई हैं। उनका कहना है कि प्रशासन उनके साथ ज्यादती कर रहा है। जो जमीन 25 साल से वैध थी। वो अब अवैध कैसे हो गई। इलाके में शायद ही कोई मकान ऐसा होगा, जो दो दशक पुराना न हो। अब अचानक शासन और प्रशासन को याद आ रहा है कि हमारी कॉलोनी अवैध है, तो इसके लिए सबसे पहले जिम्मेदार वह अधिकारी हैं, जिन्होंने ग्रीन लैंड होते हुए भी यहां मकान बनने दिया। हमारे पास रजिस्ट्री है, दाखिल ख़ारिज है, सरकार के नियम के हिसाब से हम लोग सारे बिल दे रहे हैं, तो आखिर हम अवैध कहां से हुए।

महिलाएं बोलीं- एक-एक रुपए जोड़कर घर बनाया, हमें उजाड़ा जा रहा
LDA में कागज भी दिया, कोई आपत्ति नहीं आई
करीब 2 दशक से यहां रहने वाली पूनम मिश्रा का कहना है कि जब यह प्रॉपर्टी ली तो सबकुछ चेक किया था। यहां तक कि उस समय एलडीए में भी इससे संबंधित कागज जमा किए थे। तीन महीने तक कोई आपत्ति नहीं आई तो हमने घर का निर्माण कर लिया। अब जाकर अगर लोगों को यह याद आ रहा है तो उसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं। रितु शर्मा ने कहा- अगर अधिकारियों की लापरवाही से गड़बड़ी हुई तो उनको सजा मिलनी चाहिए। विभाग एकतरफा कार्रवाई पर कैसे आगे बढ़ सकता है। अधिकारियों की गलती पंतनगर की जनता नहीं भुगतेगी। अधिकारियों ने यहां कोई बोर्ड तक नहीं लगाया। अगर बोर्ड लगा रहता तो पता चलता। हर आदमी बहुत पढ़ा लिखा नहीं होता है। लोग पूरे जीवन की कमाई लगाकर एक मकान तैयार करते हैं। हम गरीब लोग हैं हमें उजाड़ा जा रहा है।

निर्माण होने के समय क्यों नहीं रोका जाता
रितु सिंह ने कहा- जब निर्माण हो रहा था उस समय कोई नहीं आया। 24 साल बाद अचानक सर्वे करने वाली टीम आती है। सैकड़ों मकानों को अवैध बता देती है। कई साल का पैसा एकत्र कर मकान बनाया है। ऐसे कोई अपना घर गिरते हुए कैसे देख सकता है।

बैंक को लोन नहीं देना चाहिए था
कीर्ति शर्मा का कहना है कि ज्यादातर ने बैंक से लोन ले रखा है। बैंक जब लोन देता है तो हर तरह के कागज चेक करता है। मकान बनने लगा तो कोई नहीं आया कि ग्रीन लैंड की जमीन है। अब कोई भी जमीन अवैध घोषित कर दिया जा रहा है। यह बिल्कुल गलत है।

थ्रीडी नक्शा से LDA करेगा सर्वे
खुर्रमनगर, अबरारनगर, रहीमनगर, पंतनगर और इंद्रप्रस्थ नगर में लोगों का विरोध देखते हुए मकानों पर निशान थ्रीडी नक्शा से किया जाएगा। इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सिंचाई विभाग से नक्शा मांगा है।

सिंचाई विभाग ने कुकरैल नदी के किनारे बसे जिन 5 मोहल्लों का सर्वे किया। वहां लोग तमाम तरह के आरोप लगा रहे हैं। कोई कम नाप तो कोई ज्यादा बता रहा है। नाप जोख भी घुमावदार है। इससे लोग भ्रमित हैं। इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण थ्रीडी नक्शा से मकानों को चिहित करेगा। जो सिंचाई विभाग तैयार करके देगा।

इसमें 50 मीटर में लिए गए मकान साफ दिखाई देंगे और उसी आधार पर चिह्नित किए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि इससे आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगेगा और पारदर्शिता से सर्वे होगा। विरोध की संभावना नहीं रहेगी। मौके पर नाप जोख भी नहीं करनी पड़ेगी।

टूट सकते हैं 2000 से ज्यादा मकान
अबरारनगर, रहीमनगर, इंद्रप्रस्थनगर और पंतनगर में करीब 2000 मकान टूटने की संभावना है। पंतनगर में करीब 850, अबरारनगर में 700, रहीमनगर में 200 और इंद्रप्रस्थनगर में करीब 250 मकानों पर बुलडोजर चल सकता है। लखनऊ के अकबरनगर को जमींदोज करने के बाद अब अबरारनगर, रहीमनगर, इंद्रप्रस्थनगर और पंतनगर में भी अवैध निर्माण गिराने की तैयारी तेज हो गई है। कुकरैल रिवर फ्रंट के रास्ते में आने वाले करीब 3 किलोमीटर के दायरे में हुए निर्माण को ढहाया जाएगा। ऐसे में करीब 10 हजार की आबादी बेघर हो सकती है। बाबा के बुलडोजर गरजने के आसार से यहां के निवासियों की रातों की नींद छिन गई है, वह ना ठीक से खा पा रहे हैं ना सो पा रहे हैं।

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