Lucknow News: सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक साइंसेस एंड रिसर्च सेंटर की मान्यता समाप्त होगी
मान्यता समाप्त होने की अनुसंशा आयुर्वेद निदेशालय उत्तर प्रदेश द्वारा दिनांक 27 सितंबर 2024 को कर दी गई।
लखनऊ। (Lucknow News) उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के चुनार से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अनुराग सिंह के सरदार पटेल इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वैदिक साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर कनकहा मोहनलालगंज लखनऊ की मान्यता समाप्त होने की अनुसंशा आयुर्वेद निदेशालय उत्तर प्रदेश द्वारा दिनांक 27 सितंबर 2024 को कर दी गई।
(Lucknow News) क्या है मामला?
सरदार पटेल इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेदिक साइंसेज कनकहा मोहनलालगंज लखनऊ की मान्यता समाप्त करने की अनुसंशा के साथ आयुर्वेद निदेशालय उत्तर प्रदेश ने पत्र संख्या 1662/2489/22/शिक्षा दिनांकित 27/09/2024 उत्तर प्रदेश शासन और एनसीआईएसएम नई दिल्ली को भेज दिया गया है। उक्त आयुर्वेदिक कॉलेज की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा आयुर्वेद निदेशक के द्वारा की गई है।
डॉ ओ पी चौधरी की पुत्री डॉ सरिता चौधरी की शिकायत पर दिनांक 21/9/2024 को उत्तर प्रदेश शासन ने पत्र संख्या 5507/96-आयुष-1-2024/1728018 भेज कर आयुर्वेद निदेशक को कॉलेज के सम्बंध में सात बिंदुओं पर जांच करके तत्काल रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा था। जमीन ना होते हुए फर्जी प्रपत्रों के आधार पर यह कॉलेज चुनार मिर्जापुर से विधायक अनुराग सिंह व उनकी पत्नी स्नेहलता सिंह के द्वारा खोला गया था।
28 मई 2024 की रिपोर्ट संख्या 799/2482/22/शिक्षा यह में आ चुका था कि कॉलेज के पास जमीन नहीं है सारी जमीन “डॉ ओपी चौधरी एजुकेशनल ट्रस्ट” की है और उसी के स्वामित्व में है। जबकि विधायक अनुराग सिंह ने वर्ष 2016 में आयुर्वेद विभाग उत्तर प्रदेश में प्रार्थना पत्र और शपथ पत्र देकर यह दावा किया कि यह जमीन उनके डॉ ओपी चौधरी मेमोरियल ट्रस्ट के नाम पर है और उन्हें आयुर्वैदिक कॉलेज खोलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाए जिस पर कार्यवाही करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अनापत्ति प्रमाण पत्र 2016 में जारी कर दिया गया था।
स्वर्गीय डॉ ओपी चौधरी द्वारा “डॉ ओपी चौधरी एजुकेशनल ट्रस्ट” वर्ष 2010 में बनाया गया था और उस ट्रस्ट में स्नेह लता सिंह पुत्री लोकनाथ सिंह पत्नी अनुराग सिंह सचिव थी, ट्रस्ट के नियमों के अनुसार 27 जनवरी 2011 को ओपी चौधरी की मृत्यु के बाद उनकी जायज वरिशों उनकी पत्नी राम दुलारी चौधरी, पुत्री सुधा कटियार और डा सरिता चौधरी में से ही ट्रस्ट का अगला अध्यक्ष/सदस्य बनया जाना था। परंतु विधायक अनुराग सिंह और उनकी पत्नी स्नेह लता सिंह ने ट्रस्ट की संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए 9 फरवरी 2011 को एक नया फर्जी ट्रस्ट डॉ ओ पी चौधरी मेमोरियल ट्रस्ट बना लिया और 10 फरवरी को 13 रजिस्ट्री, 14 फरवरी को एक साथ 73 रजिस्ट्री करके स्नेहलता सिंह ने सारी जमीन ने बेच दी और दूसरी तरफ स्नेहलता सिंह और उनके पति विधायक अनुराग सिंह ने सारी जमीन खरीद ली। 6 करोड रुपए से ज्यादा का कैश लेनदेन फर्जी दिखाया गया कोई पैसा ना तो निकला गया ना कोई पैसा कहीं जमा किया, फर्जीवाड़ा किया गया।
इस मामले में विधायक पत्नी सहित धारा 420, 406 में लखनऊ न्यायालय द्वारा केस संख्या 1896/2011में तलब किए गए और वह बेल पर चल रहे हैं, एक अन्य मामले में विधायक जी और उनकी पत्नी पर एफआईआर दर्ज हुई वह केस एमपी एमएलए कोर्ट लखनऊ में लंबित है। इतना सब कुछ होते हुए भी वर्ष 2016 में विधायक ने आयुर्वेदिक कॉलेज उक्त जमीन पर खोल लिया।
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ द्वारा अगस्त 2022 में डा ओ पी चौधरी की पुत्रियों डा सरिता चौधरी और सुधा कटियार की शिकायत पर मामले का संज्ञान लिया और पूरे मामले की विधिवत जांच कराई गई 28 में 2024 में आयुष निदेशक ने अपनी रिपोर्ट में बताया की शिकायतकर्ताओं की बात सही है सारी जमीन है एजुकेशनल ट्रस्ट के नाम पर आज भी है, परंतु कॉलेज की मान्यता और अनापत्ति प्रमाण पत्र समाप्त नहीं किया गया।
21 सितंबर 2024 को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पत्र संख्या 5507/96-आयुष-1-2024/1728018 जारी करके आयुर्वेद निदेशक से उक्त मामले पर सात बिंदुओं पर तत्काल रिपोर्ट देने के लिए कहा गया। 27.09.2024 को आयुर्वेद निदेशक ने कॉलेज की संपूर्ण फाइल के प्रपत्रों की जांच करके, यह पाया कि खतौनी पर “डा ओ.पी. चौधरी एजुकेशनल ट्रस्ट” का नाम दर्ज है, मान्यता की कार्रवाई सिर्फ रजिस्ट्री देखकर की गई है तथ्यों को बिना जांच किए हुए कॉलेज शुरू करने की मान्यता दी गई थी इसलिए कॉलेज की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा आयुष निदेशक द्वारा इस पत्र संख्या 1662/2489/22/शिक्षा दिनांकित 27/09/2024 में की गई और प्रमुख सचिव आयुष उत्तर प्रदेश व एनसीआईएसएम अध्यक्ष को जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। 28 सितंबर को शनिवार और 29 सितंबर को रविवार है होने के कारण कोई अग्रिम कार्यवाही सोमवार 30 सितंबर 2024 से ही हो पाएगी, इस बीच 30 सितंबर 2024 को काउंसलिंग में बच्चों के द्वारा चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया शुरू हो रही है।
एक तरफ तो इस कॉलेज की मान्यता रद्द होने वाली है और दूसरी तरफ बिना जानकारी के छात्र चॉइस फिलिंग करके इस कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं। यह उनके भविष्य के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ होगा। सरकार को काउंसलिंग की मान्य कॉलेज की लिस्ट में से इस सरदार पटेल इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वैदिक साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर कनकहा मोहनलालगंज लखनऊ का नाम तुरंत हटाना चाहिए, जिससे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो पाए।