Lakhimpur News: लखीमपुर खीरी में कार पलटने से डूडा के परियोजना अधिकारी की मौत
बताया जा रहा है कि सुबह बारिश होने पर हाईवे पर फिसलन की वजह से उनकी कार अनियंत्रित हो गई थी।

लखीमपुर खीरी। (Lakhimpur News) लखीमपुर खीरी जिले में तैनात परियोजना अधिकारी (पीओ) डूडा अजय कुमार सिंह (50) की मंगलवार सुबह सीतापुर के थाना हरगांव क्षेत्र में परसेहरा कलां के समीप कार पलटने से मौत हो गई। वह राज्यपाल की बैठक में शामिल होने के लिए अलसुबह लखनऊ स्थित घर से निकले थे। हादसे में उनके साथ मौजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जा रहा है कि सुबह बारिश होने पर हाईवे पर फिसलन की वजह से उनकी कार अनियंत्रित हो गई थी। (Lakhimpur News)
(Lakhimpur News) परिवार से मिलने गए थे घर
बस्ती जिले के गांव पेंदा निवासी डॉ. अजय कुमार सिंह सोमवार को लखनऊ में एसकेडी के पास वृंदावन विस्तार कॉलोनी में स्थित अपने घर में परिवार से मिलने गए थे। मंगलवार सुबह उन्हें दुधवा में राज्यपाल की बैठक में शामिल होना था। इसको लेकर वह घर से अलसुबह ही निकल गए थे। डॉ. अजय कार खुद चला रहे थे। उनके साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नितेश कुमार पटेल (46) पुत्र त्रिलोकीनाथ निवासी 118 राजीव नगर कानपुर भी थे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार अचानक अनियंत्रित होकर खाई में जा पलटी। हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। दोनों को जिला अस्पताल, ओयल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां पर चिकित्सकों ने पीओ डूडा को मृत घोषित कर दिया। वहीं, नितेश का इलाज किया जा रहा है।
2022 में मिली थी जिले में तैनाती
डॉ. अजय को खीरी में पीओ डूडा के पद पर वर्ष 2022 में तैनाती मिली थी। तीन साल पूरे होने पर उनका तबादला होने की चर्चाएं हो रही थीं। अजय शहर की ऑफिसर कॉलोनी में रहते थे। सरकारी छुट्टी या जरूरी कार्यों के लिए अवकाश लेकर अपने घर लखनऊ आया-जाया करते थे।
पुत्र-पत्नी ने की आत्महत्या की कोशिश
हादसे में मौत की खबर मिलते ही पीओ डूडा की पत्नी रेनू और 15 वर्षीय बेटा आयुष्मान लखनऊ से लखीमपुर के लिए निकल पड़े। इसी दौरान हादसे से दुखी रेनू व उनके पुत्र ने लखनऊ में ही बख्शी तालाब के पास आत्महत्या करने की कोशिश की। हालांकि, बख्शी का तालाब इंस्पेक्टर ने इस तरह की घटना से इन्कार किया है।
पोस्टमॉर्टम हाउस पर नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
हादसे में पीओ डूडा अजय कुमार सिंह की मौत होने की खबर मिलने के बाद एक भी जिला स्तरीय अधिकारी पोस्टमॉर्टम हाउस में नहीं पहुंचा। वहां महज डूडा के कर्मचारी और फील्ड वर्कर ही दिखाई दिए। किसी भी बड़े अधिकारी के न पहुंचने की चर्चाएं होती रहीं।