Jhansi Medical College Fire: झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 मासूमों की मौत
नर्स ने माचिस की तीली जलाई और वार्ड में भभक पड़ी आग, 4 साल से एक्सपायर पड़ा था आग बुझाने वाला सिलेंडर
झांसी। (Jhansi Medical College Fire) उत्तर प्रदेश के झांसी से दिल को दहलाने वाली खबर सामने आई है। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार की रात आग ने कहर दिखा। मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में अचानक आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। इस घटना को लेकर यूपी सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। प्रदेश के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं। उन्होंने नवजात शिशुओं के परिवारों से मुलाकात की। डिप्टी सीएम ने नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। (Jhansi Medical College Fire)
(Jhansi Medical College Fire) माचिस की तीली से लगी आग
पहले कहा जा रहा था कि शॉर्ट सर्किट होने की वजह से आग लगी थी लेकिन अब अलग खबर सामने आ रही है। झांसी अग्निकांड प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि एक नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को जोड़ने के लिए माचिस की तीली जलाई और जैसे ही माचिस जली, पूरे वार्ड में आग लग गई।
प्रत्यक्षदर्शी की आंखों-देखी
हमीरपुर के रहने वाले भगवान दास उन लोगों में से हैं जिनके बेटे का बेटा, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। कल जब आग लगी तो भगवान दास वार्ड में ही मौजूद थे। शुरुआती जांच के आधार पर भले ही शॉर्ट सर्किट को वजह बताया जा रहा हो लेकिन भगवान दास इस घटना के अकेले चश्मदीद हैं और वो इसके पीछे की असली वजह बता रहे हैं। भगवान दास के मुताबिक, बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई। जैसे ही उसकी तीली जली पूरे वार्ड में आग लग गई। आग लगते ही भगवान दास ने अपने गले में पड़े कपड़े से 3 से 4 बच्चों को लपेटकर बचाया, बाकी लोगों की मदद से कुछ और बच्चों को भी बचाया गया।
एक्सपायर हो चुका था आग बुझाने वाला सिलेंडर
हैरानी की बात ये रही कि आग लगने के बाद ना फायर अलार्म बजा ना ही वार्ड में रखे सिलेंडर किसी काम के थे। सिलेंडर पर 2019 की फिलिंग डेट है और एक्सपायरी 2020 की है। यानि फायर एक्सटिंग्विशर को एक्सपायर हुए साल साल हो चुके थे और खाली दिखाने के लिए ये सिलेंडर यहां रखे हुए थे।
यूपी सरकार देगी 5 लाख की मदद
यूपी की योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है और घायलों को 50 हजार की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
मेडिकल कॉलेज में पत्रकारों से बात करते हुए यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम परिजनों के साथ मिलकर नवजातों के शव की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी। यह जांच स्वास्थ्य विभाग करेगा। दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा। अग्निशमन विभाग टीम भी इस जांच का हिस्सा होगी। तीसरा मजिस्ट्रियल जांच के भी निर्देश दिए गए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी।
जिम्मेदारों के खिलाफ होगी कार्रवाई
डिप्टी सीएम ने मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में आग लगने की घटना पर सख्त रुख दिखाया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई खामी पाई गई तो जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषियों में से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है। डिप्टी सीएम ने कहा कि फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था और जून में मॉक ड्रिल भी हुई थी। ये घटना कैसे हुई और क्यों हुई, इस बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
ब्रजेश पाठक ने कहा कि 7 नवजात शिशुओं के शवों की पहचान कर ली गई है, 3 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने घोषणा की कि नवजात शिशुओं के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। बच्चों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा। किसी भी स्थिति में बच्चों के परिजनों को परेशानी नहीं होने देंगे। आगे इस प्रकार की घटना न हो, इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
क्या है पूरी घटना
झांसी मेडिकल कॉलेज के नीकू (NICU) वार्ड में रात लगभग 10.30 बजे तक सब कुछ सामान्य था। इसके महज 10 मिनट बाद ही वार्ड का मंजर भयावह हो गया। इसको देखने वालों के रौंगटे खड़े हो गए। नवजात बच्चों का वार्ड आग की चपेट में आकर धू-धू कर जल रहा था। आग की लपटें वार्ड के बाहर से निकल रही थीं। थोड़ी ही देर में आग ने पूरे वार्ड को अपने आगोश में ले लिया।