बीकेटी क्षेत्र में अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा हरियाली पर आरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उम्मीदों पर पानी फेर रहे वन विभाग के अधिकारी।
लखनऊ, संवाददाता। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरियाली बचाने के लिए हर साल करोड़ों पौधे लगवाते हैं और इस पर करोड़ो रूपये खर्च करते हैं लेकिन लखनऊ में उनके अधिकारी ही सीएम के मंसूबो पर पानी फेरकर हरे पेड़ों का कटान करवा कर हरियाली नष्ट करवा रहे हैं। राजधानी लखनऊ के बीकेटी तहसील क्षेत्र में अधिकारियों की मिलीभगत और वन विभाग की लापरवाही के चलते धड़ल्ले से हरे पेड़ों की कटाई की जा रही है। इसके बाद भी विभाग वन माफिया पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। प्रशासन भी इस तरफ अनदेखी कर रहा है। जबकि हर वर्ष सरकार व प्रशासन हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान चलाता है। इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, विभिन्न संस्थाएं भी लगातार जागरूक करते हुए पौधरोपण कर रही हैं, जिससे हमारा क्षेत्र व देश हरा भरा रहे और प्रकृति संरक्षण का सपना साकार हो सके। जबकि उसकी सुरक्षा के प्रति संबंधित विभाग ही लापरवाही बरतते हैं। इसके चलते लकड़ी माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। जिम्मेदार कार्रवाई करने के बजाय प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर कमीशन के चक्कर में हरियाली पर आरा चलवा रहे हैं और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो बीकेटी रेंजर अनुज प्रताप सिंह ने थाना इटौजा क्षेत्र के अंतर्गत गोहना खुर्द गांव में सात पेड़ की परमिट की आड़ में 13 हरे आम के पेड़ कटवा दिए। जानकारी मांगने पर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आए।
बीकेटी थाना व वन रेंज क्षेत्र में हरे आम व स्वस्थ महुआ, शीशम के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। ग्राम गोहना खुर्द में आम के पेड़ों की अवैध कटान जारी है। मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार ही इस बारे में बता सकता है, वह साहब से मिल चुका होगा। बिना परमिशन प्रतिबंधित पेड़ों की कटान से वन विभाग व जिम्मेदार पर सवाल उठना लाजमी है। वन माफिया पर रोकथाम नहीं होने से आज कई क्षेत्र वीरान नजर आ रहे हैं। भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 240 के अनुसार किसी के घर, आसपास अथवा सार्वजनिक परिसर में कोई हरा पेड़ है तो उसे काटने के लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति आवश्यक है। उल्लंघन पर भू-राजस्व संहिता 253 के तहत जुर्माने का प्रावधान है। वर्तमान में उक्त कानून में संशोधन करते हुए प्रति प्रकरण 50 हजार का जुर्माना भी तय किया गया है।
अवैध कटान से वन विभाग को लग रहा है लाखों का चूना
क्षेत्र में जारी हरे पेड़ों की कटान से उत्तर प्रदेश सरकार के वन विभाग को लाखों का चूना लग रहा है परंतु विभागीय अधिकारी सरकार को हो रहे नुकसान से पूरी तरह उदासीन होकर मालामाल हो रहे हैं। देखना यह है कि जिले का उच्च प्रशासन तथा प्रदेश सरकार वन माफिया से हरे पेड़ों को बचाने के लिए क्या उपाय करती है।
क्या बोले जिम्मेदार
हरे पेड़ों की कटान के सम्बंध में जब संवाददाता ने बीकेटी रेंजर अनुज प्रताप सिंह से बात की तो वह कोई जानकारी देने के बजाय संवाददाता से ही अभद्रता पूर्वक बात करते नजर आए। वह शराब के नशे में कहते नजर आ रहे हैं कि अवैध कटान के बारे में कोई जानकारी नहीं देंगे जो करना है वह कर लीजिये जहां जाना है चले जाइये जो लिखना है लिख दीजिये मेरा कोई कुछ नहीं कर पायेगा। इस पूरी बातचीत की ऑडियो रिकार्डिंग संवाददाता के पास सुरक्षित है।