Hathras Hadsa : बाबा विश्वहरि के सतसंग में नरसंहार में 122 मौतें, 150 से ज्यादा घायल, 22 आयोजकों पर FIR दर्ज
खुले में लाशें बिखरी, अपनों की तलाश में लोग बिलख रहे लोग
हाथरस जनपद में हुई घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया था। इमरजेंसी में तत्काल चिकित्सकों को बुला लिया गया। इस दौरान चार घायलों का उपचार किया गया। वहीं मृतकों के पोस्टमार्टम के लिए सकीट, जैथरा, मारहरा, निधौलीकलां, अवागढ़ आदि स्थानों से चिकित्सकों को बुला लिया गया। वहीं पोस्टमार्टम हाउस पर ही शव के पंचनामा की प्रक्रिया की गई। देर शाम पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई। इस दौरान सीएमओ डॉ. उमेश त्रिपाठी सहित एसीएमओ डॉ. राम मोहन तिवारी की देखरेख में पोस्टमार्टम कराया गया। (Hathras Hadsa)
मैनपुरी और कासगंज से मंगाए शव वाहन
जिले में शव वाहन दो ही हैं। पोस्टमार्टम के बाद शवों को भेजना था। सीएमओ ने मैनपुरी सहित कासगंज के सीएमओ से संपर्क कर वहां से शव वाहन मंगाए। वहीं 4 प्राइवेट वाहन मंगाए गए। इसके अलावा 5 एंबुलेस को शवों को ले जाने के लिए लगाया गया। सीएमओ ने बताया कि शाहजहांपुर के शवों को एंबुलेंस से भेजा गया है। कासगंज के शव भी एंबुलेंस से भेजे गए हैं।
बाबा के पैर छूने को लेकर मची भगदड़
हाथरस के डीएम आशीष कुमार के मुताबिक, हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा का समागम हो रहा था और जब समागम का अंत हो रहा था, तब उमस काफी थी, ऐसे में लोगों के बाहर निकलते समय भगदड़ मच गई.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सत्संग के समाप्त होते ही भोले बाबा की कार निकली. इस दौरान वहां मौजूद लोग उनके पैर छूने के लिए लोग दौड़ पड़े और भगदड़ मच गई. इसके बाद वहां मौजूद कई लोग नीचे ही दब गए और कुछ लोग उनके ऊपर से ही चढ़कर निकलने लगे.
डीएम ने कहा कि इस आयोजन की अनुमति एसडीएम की ओर से दी गई थी और यह निजी आयोजन था, जिसमें सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन अंदर की व्यवस्था आयोजकों के हाथ में थी.
इस हादसे को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है. साथ ही केंद्र और राज्य सरकार ने मुआवजे का भी एलान किया है. परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने की घोषणा की गई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशक (आगरा) और आयुक्त (अलीगढ़) के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं.
सीएम योगी ने कहा, “घटना अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है. स्थानीय आयोजकों की ओर से वहां पर भोले बाबा के सत्संग का आयोजन स्थानीय गांवों में किया जाता रहा है. जब सत्संग के प्रवचनकर्ता मंच से उतर रहे थे तो अचानक भक्तों की भीड़ उन्हें छूने के लिए वहां जा रही थी और सेवादारों के की ओर से रोकने पर ये हादसा वहां पर घटित हुआ है.”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भगदड़ की घटना में लोगों की हुई मौत को हृदय विदारक बताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने सत्संग समारोह के दौरान भगदड़ मचने की घटना में लोगों की मौत पर दुख जताते हुए पीड़ितों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.
हाथरस भगदड़ की घटना पर अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी. ने बताया कि मृतकों की संख्या 116 है और घायलों की संख्या 18 है. इलाज की व्यवस्था की गई है और जांच चल रही है.
अलीगढ़ के IG शलभ माथुर ने बताया कि हादसे को लेकर FIR दर्ज हो रही है. आयोजकों के खिलाफ FIR होगी. प्रथम दृष्टया सामने आ रहा है कि जितने लोगों के लिए अनुमति मांगी थी, उससे ज्यादा लोग आए हैं.
हाथरस की घटना पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सांसद राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई दलों के नेताओं ने दुख जताया है. उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. इसके साथ ही उन्होंने हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल भी पूछे हैं.
हाथरस हादसा: किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए संपर्क नंबर
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नारायण साकार कैसे बना भोले बाबा?
नारायण हरि उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है. वह मूल रूप से कासगंज जिले के बहादुर नगर का रहने वाला है. वह बचपन से ही अपने पिता के साथ खेती करते था. लेकिन इसके बाद वह पुलिस विभाग में भर्ती हो गया. पुलिस विभाग में लगभग 18 सालों तक नौकरी करने के बाद उन्होंने वीआरएस ले लिया. कहा जाता है कि सूरजपाल का शुरुआत से ही अध्यात्म की तरफ झुकाव था. लेकिन 1990 के दशक में पुलिस विभाग की नौकरी छोड़ने के बाद वह पूरी तरह से इस ओर मुड़ गए. उन्होंने तभी से सत्संग कराना शुरू कर दिया. सूरजपाल के तीन भाइयों में से एक की आकस्मिक मौत हो गई थी, जिसके बाद उसने बहादुर नगर में अपने भाई के नाम पर एक ट्रस्ट शुरू किया. इनका आश्रम भी बहादुर नगर में ही है.
खुद को मानते हैं हरि का शिष्य
वह मानव मंगल मिलन सद्भावना समागन के नाम से सत्संग का आयोजन करते रहे हैं. वह खुद को हरि का शिष्य बताते हैं. इस वजह से उन्होंने अपना नाम सूरजपाल से बदलकर नारायण साकार हरि कर दिया. वह अपने प्रवचन में अक्सर कहते रहे हैं कि साकार हरि पूरे ब्रह्मांड के मालिक हैं.
क्यों पहनते हैं सफेद सूट और नीली टाई?
पुलिस विभाग से वीआरएस लेने के बाद नारायण हरि को सत्संग के समय हमेशा सफेद सूट और नीली टाई पहने देखा जा सकता है. वह अनुसूचित जाति समाज से आते हैं. इस वजह से वह प्रतीक के तौर पर इन विशेष रंगों को पहने दिखाई देते हैं. उनकी पत्नी अक्सर उनके साथ सत्संग के दौरान मंच पर बैठी नजर आती है. उनकी पत्नी को माताश्री कहा जाता है. नारायण हरि उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं है. बहादुर नगर में आश्रम खोलने के बाद गरीब और वंचित वर्ग के लोगों में उसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी. आज के समय में उनके लाखों अनुयायी हैं. वह सुरक्षा के लिए वॉलिंटेयर्स को रखते हैं, जो उनके सत्संग की सुरक्षा का पूरा इंतजाम करते हैं.
कोरोना काल में भी हुई थी लापरवाही
कोरोना के दौरान 2022 में सत्संगी बाबा ने उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में सत्संग का आयोजन किया था. जिला प्रशासन ने कोरोना के मद्देनजर उस समय सिर्फ पचास लोगों के सत्संग में शामिल होने की अनुमति थी. लेकिन उस समय नियमों की धज्जियां उधेड़ते हुए पचास हजार लोग सत्संग में शामिल हुए थे.
क्या हुआ था?
हाथरस में मंगलवार को मानव मंगल मिलन सद्भावना समागन नाम से नारायण हरि उर्फ भोले बाबा का सत्संग हुआ था. सत्संग खत्म होते ही जैसे बाबा की गाड़ी भीड़ के बीच से निकली, लोग उनकी तरफ दौड़े. इस भगदड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरने लगे. बारिश की वजह से कीचड़ ने भी इस स्थिति को और बदतर कर दिया. चश्मदीद के अनुसार, फुलराई मैदान में खुले में सत्संग आयोजित हो रहा था. इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से 50,000 से ज्यादा अनुयायी शामिल हुए थे. जैसे ही सत्संग समाप्त होने लगा, भक्त आगे बढ़कर बाबाजी के पास इकट्ठा हो गए. उनका आशीर्वाद और उनके पैरों की पवित्र धूल लेने लगे. ये लोग एक गड्ढे से होकर गुजर रहे थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शुरुआत में धक्का लगा और कुछ लोग गिर गए. उसके बाद जो गिरा, वो उठ नहीं पाया और भीड़ ऊपर से गुजरती चली गई. देखते ही देखते बड़ा हादसा हो गया. बाबा फिलहाल फरार हैं
CM योगी हाथरस अस्पताल पहुंचे, अखिलेश यादव बोले- ‘लोगों को पर्याप्त इलाज नहीं मिला’
हाथरस हादसे पर समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा, “यह बहुत दर्दनाक है. जिन परिवारों के सदस्यों की जान गई है उन्हें दुख सहने की शक्ति मिले. जो हादसा हुआ है यह सरकार की लापरवाही है. ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी न हो. जब कभी भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं तो बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं. इस लापरवाही से जो जानें गईं है उसकी जिम्मेदार सरकार है. कोई अगर अस्पताल पहुंच भी गया तो उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया. ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया. इसकी जिम्मेदार भाजपा है जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं. क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि किसी आपातकाल स्थिति में आप लोगों का इलाज न कर पाएं?”
सत्संग और आयोजनों के लिए कड़े नियम और कानून बनाए जाने की जरूरत
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग की है कि जो कल हादसा हुआ है उसको ध्यान में रखते हुए ऐसे सत्संग और आयोजनों को लेकर कड़े नियम और कानून बनाए जाने की जरूरत है.