Flood in UP: यूपी में बाढ़ और आकाशीय बिजली गिरने से 59 लोगों की मौत
- बाढ़ से बिगड़े हालात, 15 लोगों की मौत, आकाशीय बिजली गिरने से 44 लोगों की मौत
लखनऊ। (Flood in UP) उत्तर प्रदेश में बारिश और बाढ़ के कर से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही बारिश और बांधों का नदियों में छोड़ा गया पानी लोगों के लिए विकट समस्या पर गया है। (Flood in UP)
यूपी में बाढ़ ने अब तक 15 लोगों की जान ले ली है। लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा चार लोगों की जान गई। वहीं, प्रदेश में बुधवार को बिजली गिरने से 44 लोगों की मौत हो गई। (Flood in UP)
उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते बाढ़ से हालत बिगड़ गए हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बदायूं, बहराइच, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, आयोध्या, गोंडा और बलरामपुर प्रभावित हैं। इन्हीं जिलों में बुधवार को बाढ़ के चलते 15 लोगाें की मौत हो गई। लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा चार लोगों की जान गई। वहीं बहराइच में तीन, सीतापुर, पीलीभीत बदायूं और श्रावस्ती में एक-एक जबकि बरेली व बलरामपुर में दो-दो लोगों की डूबने से मौत हो गई।
अवध में बारिश थमने से भले ही बाढ़ प्रभावित श्रावस्ती व बहराइच में बुधवार को कुछ राहत मिली, लेकिन गोंडा व बलरामपुर में संकट बरकरार रहा। अयोध्या, अंबेडकरनगर व बाराबंकी के भी कुछ क्षेत्रों में बाढ़ से हालात बन गए हैं। सुबह शारदा, गिरिजा व सरयू बैराज से 3.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बहराइच में सरयू नदी खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी। यहां के करीब 24 गांवों में पानी भरा हुआ है।
अंबेडकरनगर में नदी लाल निशान 85.19 मीटर तक पहुंच गई। इससे अराजी देवारा संपर्क मार्ग बह गया। बलरामपुर जिले में मंगलवार की रात लखमा गांव के पास राप्ती नदी का तटबंध कट गया। मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने छह घंटे के भीतर ही कटान को रोक लिया। इससे करीब 20 गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली। बाराबंकी में बाढ़ से 36 गांवों में तबाही मची है। सिरौलीगौसपुर व रामनगर तहसील क्षेत्र के ग्रामीण मजबूरी में तटबंध पर शरण लिए हुए हैं। अयोध्या में सरयू लाल निशान से 27 सेमी ऊपर पहुंच गई। इससे कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए। गोंडा में सरयू खतरे के निशान से 58 सेमी ऊपर पहुंच गई है।
उधर, मंगलवार रात शाहजहांपुर शहर भी बाढ़ की चपेट में आ गया। यहां के 20 से अधिक मोहल्लों में नदियों का पानी घुस गया। शहर और ग्रामीण क्षेत्र के 20 हजार लोग इससे प्रभावित हुए हैं। फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए सेना की मदद लेना पड़ी। वहीं एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया।
लखीमपुर खीरी में डेढ़ सौ गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में विद्युत आपूर्ति का संकट खड़ा हो गया है। वहीं लोग छतों पर आसरा लिए हुए हैं, वे खाने को भी तरस रहे हैं। हालांकि प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद का दावा कर रहा है। पीलीभीत शहर के बाद मंगलवार देर शाम को यहां के बीसलपुर कस्बे के पांच मोहल्लों और 60 गांवों में भी देवहा नदी का पानी घुस गया। हालांकि शहर में कुछ राहत रही। शाहजहांपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गर्रा और खन्नौत नदियों का पानी बुधवार को शहर में घुस गया। यह शहर इन्हीं दो नदियों के बीच में बसा है। मंगलवार रात अचानक जलस्तर में वृद्धि हुई। इससे अक्षरधाम कॉलोनी में पानी घुस गया। रात में यहां के 25 परिवारों को किसी तरह से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इन जगहों के लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना की स्थानीय मद्रास रेजिमेंट की मदद लेनी पड़ी।
बिजली गिरने से 44 की मौत
वहीं, प्रदेश में बुधवार को बिजली गिरने से 44 लोगों की मौत हो गई। इसमें सबसे ज्यादा 12 लोगों की प्रयागराज मंडल में जान चली गई। इसके अलावा कानपुर और बुंदेलखंड में 6, वाराणसी मंडल में 9, मैनपुर में 5 जबकि देवरिया और सिद्धार्थनगर में एक-एक व्यक्ति की बिजली गिरने से मौत हो गई। वहीं अवध क्षेत्र में भी 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें सुल्तानपुर में छह, अमेठी में तीन व रायबरेली में एक किसान की मौत हो गई। यहां तीन छात्राएं झुलसी भी हैं।
सीएम ने पीलीभीत-खीरी का हवाई दौरा कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बांटी राहत सामग्री
बाढ़ से जूझ रहे लोगों का हाल जानने के लिए सीएम योगी ने बुधवार को पीलीभीत और लखीमपुर खीरी का हवाई दौरा किया। साथ ही दोनों जिलों में लोगों के बीच पहुंचकर राहत सामग्री बांटी। उन्होंने भरोसा दिया कि बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाएगी। बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिया जाएगा और जान गंवाने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे। (Flood in UP)
पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र के चंदिया हजारा गांव पहुंचे मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए। उन्होंने शहर के साथ ही बीसलपुर इलाके का भी हवाई दौरा किया। पूरनपुर के रूदपुर गांव में भी उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात की। पीलीभीत से वह लखीमपुर खीरी पहुंचे। वहां बाढ़ क्षेत्रों का हवाई दौरा किया और स्टीमर से महदेवा गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बात की। शारदा नगर कॉलोनी पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में सरकार आपके साथ खड़ी है। बता दें कि बाढ़ से यूपी में नदियों के जलस्तर में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है और जिन मोहल्लों से नदी गुजरी है जिन गांव से नदी गुजरी है वहां का जनजीवन वे पटरी हो गया है। (Flood in UP)