बाराबंकी में ट्रक में लगी भीषण आग, ड्राइवर और खलासी जिंदा जले
पुलिस अधिकारियों के अनुसार टक्कर के बाद दोनों वाहन पलट गए, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
बाराबंकी, पत्रिका न्यूज़ यूपी। बाराबंकी जनपद के देवा कोतवाली क्षेत्र में गन्ना लादकर जा रहे एक ट्रक में पीछे से आ रही एक दूसरे ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। उसके बाद पीछे वाली ट्रक में भयानक आग लग गई। जिसके चलते उस ट्रक के ड्राइवर व खलासी जिंदा जल गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने फायर ब्रिगेड की मदद से बचाव कार्य चालू शुरू कराया। फिलहाल मृतकों की पहचान नहीं हो सकी थी।
जानकारी के मुताबिक, किसान पथ पर देवा कोतवाली क्षेत्र में सोमवार देर रात जबरीकला गांव के पास गन्ना लदे ट्रक व डीसीएम की भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते दोनों वाहन आग का गोला बन गए। दोनों के चालक-परिचालक भी नीचे दब गए। रात करीब 12:30 बजे डीसीएम के नीचे से एक शव निकाला गया। मौके पर कई थानों की पुलिस फोर्स और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी लखनऊ से पहुंचीं। हादसे के कारण हाईवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम से यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया। आग बुझाकर करीब एक बजे पुलिस ने किसी तरह से यातायात बहाल किया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार टक्कर के बाद दोनों वाहन पलट गए, जिन्हें सीधा किया जा रहा है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
जबरी कला गांव के पास ट्रक में पीछे से तेज रफ्तार डीसीएम ने जोरदार टक्कर मारी। इसके बाद दोनों वाहन पलट गए और आग भी लग गई। देखते ही देखते ऊंची-ऊंची लपटें उठने लगीं। हाईवे से गुजर रहे अन्य वाहन सवारों ने यह नजारा देखा तो सहम गए। इस बीच यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। मौके पर पहुंची कुर्सी, देवा व शहर कोतवाली पुलिस ने फायर ब्रिगेड की मदद से आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। देवा कोतवाल अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि दोनों वाहनों के नीचे अन्य लोगों के दबे होने की आशंका है। क्रेन मंगवाकर वाहनों को सीधा किया जा रहा है। डीसीएम के नीचे से एक युवक का शव निकाला गया है। ट्रक के चालक की तलाश हो रही है। उधर, बचाव कार्य में आसपास के सैकड़ों ग्रामीण भी मौके पर डटे रहे।
कई जिलों से आवागमन, सुरक्षा के उपाय नहीं
5,500 करोड़ की लागत से बना किसान पथ करीब 104 किमी लंबा है। इसे आउटर रिंग रोड भी कहते हैं। इसका निर्माण राजधानी लखनऊ से बाराबंकी, गोरखपुर, अयोध्या, सीतापुर, गोंडा, हरदोई, कानपुर, वाराणसी, रायबरेली, सुल्तानपुर समेत अन्य जिलों के लोगों का आवागमन आसान बनाने के लिए किया गया। हैरत की बात है कि इतने महत्वपूर्ण हाईवे पर हादसों को रोकने के लिए कोई इंतजाम ही नहीं है। स्पीडोमीटर तक नहीं लगे हैं। इस कारण निरंतर हादसे हो रहे हैं और लोगों की मौत हो रही है।
आसपास से बुलानी पड़ी टीम
घटना में बचाव कार्य के लिए बाराबंकी के साथ ही लखनऊ के गोमती नगर, गाजीपुर और पीजीआई की दमकल की गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। इसमें गाजीपुर से एक कटर गाड़ी भी मंगाई गई। वहीं, जाम होने के कारण दमकल की कई गाड़ियों को मौके में पहुंचने में दिक्कत का सामना करना पड़ा।
सहूलियत से ज्यादा जान ले रहा किसान पथ
लखनऊ से देवा की ओर आया आउटर रिंग रोड यानी किसान पथ का निर्माण यातायात में सहूलियत के लिए हुआ था। लेकिन पिछले चार साल से यह हाईवे हादसों के लिए जाना जाने लगा। 50 से अधिक मौतें इस हाईवे पर हो चुकी हैं। सात अक्टूबर 2021 को बबुरी गांव के पास विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक व सवारियों से भरी निजी डबल डेकर बस के टकराने से जहां 18 यात्रियों की मौत हो गई थी, वहीं 28 यात्री घायल हो गए थे। आठ मई 2023 को माती के पास ट्रक की भीषण टक्कर में वैन सवार पांच लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में चार गंभीर घायल हुए थे। लखनऊ- अयोध्या हाईवे से गुजरने वाले सैकड़ों वाहन रोजाना इंदिरा नहर पुल के पहले से किसान पथ पर चढ़ जाते हैं और कई किलोमीटर तक उल्टी साइड में चलते हैं। इससे किसान पथ पर छतेनागढ़ी, बबुरिहा, टिकरिया, जबरीकला, सैहारा, माती पुल, मुरादाबाद के पास हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गलत दिशा में वाहनों का आवागमन रोकने के लिए उद्योग बंधु से लेकर सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में भी इसे लेकर कई बार चर्चा हुई। इसके बाद उल्टी दिशा से आने वाले वाहनों को रोकने के लिए कार्ययोजना भी बनी, लेकिन इस पर अभी तक कोई अमल नहीं हो सका।