Deepawali 2024 Bonus: यूपी में राज्य कर्मचारियों को दीवाली से पहले बोनस और डीए वृद्धि की घोषणा
बोनस का लाभ करीब 8 लाख कर्मचारियों को मिलेगा
लखनऊ। (Deepawali 2024 Bonus) उत्तर प्रदेश सरकार अपने कर्मियों के लिए दीवाली 2024 से पहले डीए और बोनस का उपहार दे सकती है। शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, संबंधित फाइल तैयार की जा रही है। बोनस का लाभ करीब 8 लाख कर्मचारियों को मिलेगा, जबकि महंगाई भत्ता (डीए) वृद्धि के दायरे में 15 लाख राज्य कर्मी और शिक्षक आएंगे। डीए को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 54 प्रतिशत किया जाएगा। इसके लाभ की गणना जुलाई माह से की जाएगी। वहीं, बोनस की गणना बेसिक पे और डीए के आधार पर की जाती है। पिछले साल बोनस के रूप में राज्य कर्मियों को करीब 7 हजार रुपये मिले थे। नॉन गजेटेड अफसरों को बोनस दिए जाने का प्रावधान है। (Deepawali 2024 Bonus)
(Deepawali 2024 Bonus) तदर्थ शिक्षकों व शिक्षा मित्रों पर लेंगे सकारात्मक निर्णय
विधान परिषद सभापति के निर्देश पर बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षकों की समस्याओं पर नेता सदन व उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या की अध्यक्षता में शनिवार को बैठक हुई। इसमें तदर्थ शिक्षकों के वेतन, तैनाती व शिक्षा मित्रों के मानदेय मामले में सकारात्मक निर्णय लेने पर सहमति बनी।
बैठक में शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल व स्नातक विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय (एडेड कॉलेजों) के तदर्थ शिक्षकों के संबंध में 9 नवम्बर 2023 के आदेश को वापस लेने की बात कही। क्योंकि उसके बाद वेतन देने के लिए न्यायालय द्वारा निर्णय दिये जा रहें हैं किंतु विभाग इस पर कोई आदेश नही दे रहा है। उप मुख्यमंत्री ने पूछा कि ऐसे कितने लोग हैं। शिक्षक विधायक ने कहा कि लगभग 1200 लोग ही बचे है। इससे सरकार पर अलग से वित्तीय भार अलग से नहीं पड़ेगा। इस पर एक माह के अंदर निर्णय लेने की सहमत बनी।
बैठक में 22 मार्च 2016 के आदेश के तहत विनियमित हुए शिक्षकों को पेंशन नहीं देने का मुद्दा उठाया। शिक्षक विधायक ने कहा कि इस पर तदर्थ, अर्हकारी सेवाएं जोड़ने के लिए कहा गया पर नहीं किया गया। उप मुख्यमंत्री ने इसका कारण पूंछा। इस पर भी एक महीने में निर्णय देने पर सहमत बनी।
बैठक में शिक्षक नेताओं ने वर्ष 1981 से 2020 तक 40000 शिक्षकों- कर्मचारियों की बिजलेंस (सर्तकता) जांच का मुद्दा उठाया। इस पर कहा गया कि जिसकी शिकायत होती है, उसे बुलाकर पूंछा जाए। अनावश्यक सभी शिक्षक – कर्मचारियों को न परेशान किया जाए। यह भी मांग की गई कि इस संबंध में शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) इस संबंध में पत्र भी जारी करें। एमएलसी ने बताया कि राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग में सेवा सुरक्षा, दंड प्रक्रिया, निलंबन, अनुमोदन की नियमावली नहीं बनी। इस पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यह नियमावली बन रही है उसमे चयन बोर्ड नियमावली-1998 की धारा 12,18 व 21 जोड़ने पर सहमत बनी।