भाजपा बूथ अध्यक्ष के बन्दूक का लाइसेंस निरस्त होने से खफा भाजपाइयों ने बीबीडी थाना घेरा
घण्टों चले प्रदर्शन के बाद बड़ी मुनौवल के बाद भाजपाइयों ने प्रदर्शन खत्म किया तब पुलिस ने राहत की सांस ली।
लखनऊ। (BBD Police Station Protest)उ त्तर-प्रदेश की राजधानी लखनऊ के BBD थाने क्षेत्र पर 50 से अधिक भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने थाना का घेराव कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे पुलिस महकमें में हड़कम्प मच गया। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। इस मामले की सूचना मिलते ही एसीपी विभूतिखंड अनिरुद्ध विक्रम सिंह मौके पर पहुंच गए। हंगामा बढ़ता देख-कर दूसरे थानों में तैनात फोर्स भी बुला ली गई। जहां भाजपा नेताओं से बातचीत कर उन्हें समझाने का प्रयास किया गया। घण्टों चले प्रदर्शन के बाद बड़ी मुनौवल के बाद भाजपाइयों ने प्रदर्शन खत्म किया तब पुलिस ने राहत की सांस ली। (BBD Police Station Protest)
दरअसल, पूर्व जिला अध्यक्ष रामनिवास यादव के अगुवाई में 50 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता थाने पहुंच गए। वहीं इस धरने की मुख्य वजह चिनहट के जुग्गौर बूथ के अध्यक्ष अवधेश कुमार की बंदूक का लाइसेंस निरस्त होना बताया जा रहा है। BBD थाने की रिपोर्ट पर नाराजगी जताते हुए रामनिवास यादव ने कहा कि जिलाधिकारी लखनऊ ने गलत तरीके से लाइसेंस निरस्त किया है। इसके साथ ही भाजपा नेताओं ने BBD थाने के SHO के साथ अन्य पुलिसकर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें अवैध रूप से पैसा लेकर जमीन कब्जा करने जैसे आरोप है। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर रिश्वत लेने और भ्रष्टाचारी होने का भी आरोप लगाया है। इस दौरान रामनिवास यादव ने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी। तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे। दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
बीजेपी नेताओं ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
रामनिवास यादव ने BBD थाने के SHO अजय नारायण सिंह और अन्य पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि थाने में तैनात पुलिसकर्मियों ने अवैध रूप से पैसा लेकर जमीन पर कब्जा कराने का काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इंस्पेक्टर अजय नारायण सिंह और अन्य दरोगाओं ने रिश्वत ली है, वे भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
इस धरने के दौरान, भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और तुरंत कार्रवाई की मांग की। रामनिवास यादव ने कहा, “हम तब तक यहां से नहीं हटेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती। दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।”