उत्तर प्रदेशलखनऊ

चारबाग में एआरटीओ और एआरएम की संयुक्त टीम ने मारा छापा, डग्गामार बसें और वैन सीज

मालूम हो कि इन वाहनों के संचालन होने की सूचना काफी दिनों से लगातार अधिकारियों को प्राप्त हो रही थी।

Sudhir Kumar
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में डग्गामार बसों के संचालन पर परिवाहन विभाग लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। कई दिनों से मिल रही शिकायत पर अमल करते हुए आज सुबह एआरएम प्रशांत दीक्षित और एआरटीओ मनोज भारद्वाज की संयुक्त टीम ने नाका पुलिस को साथ लेकर चारबाग़ रेलवे स्टेशन के सामने छापामार कर विभिन्न स्थानों के लिए संचालित होने वाली चार डग्गामार बसों सहित एक मारुति वैन को सीज़ कर दिया। मालूम हो कि इन वाहनों के संचालन होने की सूचना काफी दिनों से लगातार अधिकारियों को प्राप्त हो रही थी। उसी के आधार पर टीम ने छापा मारकर यह कार्रवाई की। बता दें कि शहर के विभिन्न इलाकों में प्रयागराज, कानपुर, बाराबंकी, सीतापुर मार्गो पर भी इस तरह के अवैध वाहन धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं लेकिन विभाग गहरी नींद में सो रहा है।

नहीं हो पा रही डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई
डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में परिवहन विभाग, परिवहन निगम, पुलिस और जिला प्रशासन फेल साबित हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि चारबाग जैसी व्यस्त जगह पर भी डग्गामार बसों के चालक सवारियां भरने में संकोच नहीं कर रहे। विगत दिनों कैसरबाग बस अड्डे के प्रभारी ने आरटीओ को दस डग्गामार वाहनों की लिस्ट भेजी थी। इसी तरह कर्मचारी संगठनों ने डग्गामार वाहनों की पूरी लिस्ट और सवारियां भरने का विडियो भी दिया था, लेकिन इन मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई।

क्यों बेबस हैं अफसर?
डग्गामार वाहनों के संचालन से सरकार को हर दिन करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके साथ परिवहन निगम का लोड फैक्टर भी प्रभावित होता है। इसके खिलाफ चालक और परिचालक प्रदर्शन भी कर चुके हैं। इसके बावजूद डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही। इसकी बड़ी वजह भ्रष्टाचार है।

इसके अलावा चुनाव और अन्य आयोजनों के दौरान परिवहन विभाग को गाड़ियों की व्यवस्था करनी होती है। कार्रवाई होने पर वाहन मालिक ऐन वक्त पर गाड़ियां देने से इनकार कर देते हैं। यही वजह है कि अफसर डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई से बचते हैं।

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