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Karnataka Ganesh Visarjan Violence: कर्नाटक में गणेश विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा से बवाल, आगजनी

भीड़ ने दुकानें-गाड़ियां जलाईं, अब तक 52 लोग गिरफ्तार

कर्नाटक। (Karnataka Ganesh Visarjan Violence) कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच टकराव की घटना सामने आई है। इस झड़प के चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई और हिंसा भड़क उठी। खबरों के अनुसार, उपद्रवियों ने कई दुकानों, जिनमें पेंट की दुकानें, बाइक शोरूम और कपड़ों की दुकानें शामिल हैं, को आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही सड़कों पर खड़ी मोटरसाइकिलों को भी आग लगा दी गई, जिससे दोनों पक्षों में हिंसा बढ़ गई। स्थिति पर काबू पाने के लिए कर्नाटक पुलिस ने इलाके में हाई अलर्ट जारी किया है। इसी के साथ बीएनएस (BNS) की धारा 163 लागू कर दी गई है, जिससे भीड़ जुटाने पर रोक लगाई गई है। कानून का उल्लंघन करने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। (Karnataka Ganesh Visarjan Violence)

(Karnataka Ganesh Visarjan Violence) विसर्जन के जुलूस से हुई विवाद की शुरुआत

विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब बदरिकोप्पलु गांव के युवक गणेश विसर्जन के लिए जुलूस निकाल रहे थे। जुलूस जब नागमंगला की मुख्य सड़क पर स्थित मस्जिद के पास से गुजर रहा था, तो कथित रूप से मस्जिद के पास से जुलूस पर पत्थर फेंके गए। इस घटना से हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद उपद्रवियों ने दुकानों में तोड़फोड़ और वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस हमले की निंदा की है। उन्होंने इसे शांति और व्यवस्था की विफलता बताते हुए कहा कि असामाजिक तत्वों द्वारा गणपति की शोभायात्रा में शामिल लोगों पर हमला करना दुखद है। कुमारस्वामी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। गौरतलब है कि इससे पहले गुजरात के सूरत में भी एक गणेश पंडाल पर पथराव की घटना सामने आई थी, जिसके बाद वहां भी हिंसा भड़क गई थी। पुलिस ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां की थीं।

हिंसा के बाद अब तक 52 गिरफ्तार
मांड्या के पुलिस अधीक्षक मल्लिकाजरुन बलदंडी ने कहा, ‘‘हमने बुधवार की घटना के सिलसिले में 52 लोगों को गिरफ्तार किया है। स्थिति अब सामान्य हो गई है। लोग अपने दैनिक कामकाज कर रहे हैं। दुकानें खुली हैं। हमने कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस के अतिरिक्त बल के साथ-साथ सादी वर्दी में अन्य पुलिस अधिकारियों को भी तैनात किया है।’’ पुलिस के मुताबिक गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, हत्या का प्रयास, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। 14 सितंबर तक इलाके में चार से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाने के लिए निषेधाज्ञ लागू कर दी गई है।

पुलिस ने बताया कि बुधवार को जब बदरिकोप्पलु गांव से श्रद्धालु शोभायात्र निकाल रहे थे तब दो समूहों के बीच बहस हो गई और कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया जिससे स्थिति बिगड़ गई। उन्होंने बताया कि दोनों समूहों के बीच झड़प के बाद कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई और वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को संभालने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। शोभायात्र निकालने वाले युवाओं के समूह ने थाने के निकट विरोध प्रदर्शन किया और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

कच्छ में भी हो चुकी है ऐसी ही वारदात
गुजरात में पिछले तीन दिन में चौथी बार शांति भंग करने के प्रयास किए गए हैं। सबसे पहले सूरत, बड़ौदा और भरूच और अब कच्छ में सूरत पैटर्न अपनाया गया। कच्छ में भी तीन बच्चों ने गणेशजी की मूर्ति पर पत्थर फेंककर उसे खंडित करने का प्रयास किया और पास के मंदिर पर हरा झण्डा भी फहराया। इस घटना में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

कच्छ के नखत्रणा तालुका के कोटड़ा जड़ोदर गांव में 10 सितंबर की देर रात सूरत पैटर्न से ही शांति भंग का प्रयास किया गया। गांव में गणेश पंडाल में चार मुस्लिम बच्चों ने गणेशजी की मूर्ति पर पथराव कर उसे नुकसान पहुंचाया, जिसके चलते गणपति की सूंड खंडित हो गई। इसे फिर से जोड़ा गया। इसके अलावा एक हिन्दू मंदिर पर हरे रंग का झण्डा भी फहराया गया।

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