उत्तर प्रदेश

Gujarat Model In UP: यूपी में लागू हुआ गुजरात मॉडल, बंद होंगे 27964 प्राथमिक विद्यालय?

एनजीओ के हवाले हो जाएंगे 75 जिले के एक-एक विकास खंड?

लखनऊ। (Gujarat Model In UP) उत्तर प्रदेश में गुजरात मॉडल लागू होगा? 27964 प्राथमिक विधालय बंद हो जाएंगे? 20 अगस्त से एनजीओ के हवाले 75 जिले के एक-एक विकास खंड हो जाएंगे। शिक्षा व्यवस्था पर पूरे प्रदेश की जनता खामोश क्यों है? दलित कैसे पढ़ेंगे? पिछड़े और मजूदरों के बच्चे कैसे पढ़ेंगे? शिक्षक नेता तारकेश्वर शाही ने सरकार की पोल खोल दी है। ऐसी खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। लेकिन ऐसी खबरों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। ऐसे कई संदेश विभिन्न यूजर के खातों से सोशल मीडिया एक्स और व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड हो रहे हैं। कई यूजर लिख रहे हैं अगर ऐसी व्यवस्था लागू हो जाए तो शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव जरूर हो जाएगा क्योंकि एक-एक स्कूल में कई अध्यापक हैं लेकिन बच्चों को गिनती तक नहीं आती है। अगर गुजरात मॉडल लागू होगा तो शिक्षा व्यवस्था बेहतर हो जाएगी। बता दें कि गुजरात मॉडल का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब देखा था जब वह पहली बार 2013 में मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में भाजपा को आगे बढ़ाने के लिए बूथ स्तर पर काम करने का सपना देखा था। वह पूरा भी हो रहा है। (Gujarat Model In UP)

क्या है गुजरात मॉडल
गुजरात मॉडल एक दूदर्शिता है, एक सोच है। इसमें वहां की जनता के अनुरुप सक्रियता के साथ काम करने का जज्बा है। गुजरात मॉडल को अगर आर्थिक भाषा में समझा जाए, तो इसे दो भागों मे बांटा जा सकता है। सामाजिक पिलर और आर्थिक पिलर।

क्‍या है आर्थिक पि‍लर
आर्थिक पिलर के तौर पर मोदी ने अहम भूमिका निभाई है। दरअसल, यहां के लोग व्यापार करना अधिक पसंद करते हैं। इसलिए सरकार का फोकस भी इसी पर रहा। उदाहरण के लिए उद्योग लगाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया। इस ऑनलाइन पर आवेदन से लेकर उद्योग की पूर्ण अनुमति तक की सुविधा मौजूद है। इसका नतीजा यह है कि यहां भारी संख्या में उद्योग लगाए गए। इसी कारण विदेशी निवेश भी यहां तेजी से बढ़ा है। सुविधा के लिए बिजली सड़क जैसी मूलभूत जरूरतों पर पहले ध्यान दिया गया। इसी तरह कृषि के क्षेत्र में गुजरात पिछड़ा हुआ था, लेकिन नर्मदा बांध के बाद से निकाली गई नहरों ने खेतों मे पानी पहुंचाने का काम किया। साथ ही, इन नहरों के ऊपर सोलर ऊर्जा पर भी काम किया गया। इस काम के नए और क्रिएटिव तरीके अपनाए गए। यहीं काम करने का अलग तरीका ही गुजरात मॉडल है।

क्‍या है सामाजि‍क पि‍लर
सामाजिक पिलर में यहां शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लिया जाता है। थोड़ा कमजोर है। इसकी बड़ी वजह है यहां के लोग शिक्षा से ज्यादा व्यवसाय पर अधिक केंद्रि‍त हैं। इसी तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में मोदी सरकार ने कम काम किया है। ऐसे में बड़ा सवाल होगा कि बिजनेस ओरिएंटेड मोदी राष्ट्र के स्तर पर कैसी भूमिका निभाते हैं।

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