Siddheshwar Mahadev Mandir: बिहार के सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में भगदड़, 7 श्रद्धालुओं की मौत
भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव की अराधना करने आए थे।
जहानाबाद। (Siddheshwar Mahadev Mandir) बिहार के सिद्धेश्वर मंदिर में मची भगदड़ से सात लोगों की मौत की खबर है। सावन के सोमवार की वजह से मंदिर में जबरदस्त भीड़ थी, भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव की अराधना करने आए थे। लेकिन उसी भीड़ की वजह से मौके पर भगदड़ मची और यह दर्दनाक हादसा हो गया। अभी तक सात लोगों की मौत हो चुकी है, कई घायल भी बताए जा रहे हैं। (Siddheshwar Mahadev Mandir)
सिद्धेश्वर मंदिर में कैसे हुआ हादसा?
पुलिस-प्रशासन का कहना है कि स्थिति पर काबू पा लिया गया है और घायलों का उपचार चल रहा है। हादसे को लेकर जानकारी मिली है कि जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु लंबी कतारों में खड़े थे, लेकिन उसी बीच भक्तों में ही धक्का-मुक्की हो गई और लोग एक दूसरे पर गिर गए। उस हादसे में ही सात लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
भगदड़ को लेकर पुलिस ने क्या बताया?
जहानाबाद SHO दिवाकर कुमार विश्वकर्मा ने कहा jf DM और SP ने घटनास्थल का दौरा किया और वे स्थिति का जायजा ले रहे हैं… हम परिवारों (मृतकों और घायलों के) से मिल रहे हैं और उनसे पूछताछ कर रहे हैं… हम लोगों (मृतकों) की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं, इसके बाद हम शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजेंगे…कुल 7 लोगों की मौत हो गई है।
हाथरस हादसा कोई नहीं भूला
अब यह कोई पहली बार नहीं है जब इस तरह भगदड़ में लोगों की मौत हुई हो। धार्मिक स्थलों पर तो भीड़ जुटना और फिर इस तरह से हादसे होना काफी आम है। कुछ महीने पहले हाथरस में भी ऐसा ही एक भयंकर हादसा हुआ था, भोले बाबा की सत्संग में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे, वहां भगदड़ मची और फिर 120 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई। उस मामले में भी लापरवाही बड़ा कारण रहा, यहां बिहार हादसे में भी मैनेजमेंट में कमी एक बड़ी वजह मानी जा रही है।
राहत और बचाव कार्य जारी
घटना रविवार-सोमवार देर रात को हुआ। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत-बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि मंदिर में सावन महीने में, खासकर सोमवार को जल चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस घटना से पहले रविवार की रात से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही थी।
मौके पर पुलिस प्रशासन की टीम
एसडीओ विकास कुमार ने कहा कि वह जल्द ही इस घटना के बारे में आधिकारिक बयान देंगे। सुरक्षा चूक की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि रविवार की रात को भीड़ ज्यादा होती है। तीन सोमवारी के बाद ये चौथी सोमवारी थी। हम लोग सतर्क थे। सिविल, मजिस्ट्रेट, मेडिकल टीम की तैनाती की गई थी। हादसा कैसे हुआ, जांच के बाद ही आधिकारिक बयान दिया जाएगा। फिलहाल जो घायल हैं, उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
क्या कह रहे प्रत्यक्षदर्शी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ के बाद लोग गिरने लगे और दम घुटने से कई लोगों की मौत हो गई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने प्रशासन पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया है, जिसके कारण भगदड़ मची। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि घटनास्थल पर एनसीसी के जवान तैनात थे, लेकिन बिहार पुलिस मौजूद नहीं थी। एक अन्य ने बताया कि पहाड़ी पर पुलिस और लोगों के बीच बहस हुई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे लोग डर गए और पीछे की ओर भागने लगे, जिससे भगदड़ मच गई और लोग नीचे गिरने लगे।