शाहजहांपुर के कई गांवों में मतदान का बहिस्कार
शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र के अहमदनगर गांव में छुट्टा जानवरों से परेशान ग्रामीणों ने मतदान का बहिस्कार कर दिया।
सुधीर कुमार
शाहजहांपुर। (Lok Sabha Election 2024) लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण के तहत सोमवार को यूपी की 13 सीटों पर मतदान हुआ है। इस बीच कहीं से मतदाताओं की नाराजगी के चलते मतदान बहिष्कार तो कहीं ईवीएम की खराबी के चलते मतदान में देरी की खबरें आती रहीं। विपक्ष ने एक बार फिर चुनाव आयोग से शिकायतों की झड़ी लगा दी है। सुबह से शुरू हुए मतदान में शाम के पांच बजे तक यूपी की 13 लोकसभा सीटों पर 56.35 प्रतिशत मतदान हुआ। इनमें अकबरपुर 55.22 प्रतिशत, बहराइच 55.97 प्रतिशत, धौरहरा 62.72 प्रतिशत, इटावा 54.35 प्रतिशत, फर्रुखाबाद 56.93 प्रतिशत, हरदोई 55.73 प्रतिशत, कन्नौज 59.05 प्रतिशत, कानपुर 50.91 प्रतिशत, खीरी 62.75 प्रतिशत, मिश्रिख 54.37 प्रतिशत, शाहजहांपुर 51.52 प्रतिशत, सीतापुर 60.90 प्रतिशत, उन्नाव 53.97 प्रतिशत और ददरौल विधानसभा उप चुनाव में 56.65 प्रतिशत वोट पड़े।
छुट्टा जानवरों से परेशान ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिस्कार
शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र के अहमदनगर गांव में छुट्टा जानवरों से परेशान ग्रामीणों ने मतदान का बहिस्कार कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि किसान छुट्टा जनवरों से काफी परेशान हैं, दिन रात मेहनत करने के बाद भी किसानों की फसलें जानवर बर्बाद कर रहे हैं जोकि एक विकट समस्या है। ग्रामीणों के मतदान न करने की सूचना पर एसडीएम मौके पर पहुंचे लेकिन बात न बनने पर वह वापस लौट गए। इसके बाद समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी ज्योत्सना कश्यप मौके पर पहुंची उन्होंने ग्रामीणों से मतदान करने की अपील की। शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद क्षेत्र के ग्राम कोठा मंझा में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार करते हुए वोट नहीं डाले। जलालाबाद ग्राम पंचायत अल्हादादपुर बैहारी में भी ग्रामीण वोट नहीं डाल रहे हैं। शाहजहांपुर के मिर्जापुर के औरंगाबाद में ग्रामीणों ने विकास कार्य नहीं होने का आरोप लगाते हुए मतदान बहिष्कार कर दिया।
ददरौल विधानसभा क्षेत्र के गांव सैदापुर में मतदान का बहिष्कार
ददरौल विधानसभा क्षेत्र के गांव सैदापुर में मतदान का बहिष्कार किया गया। एक भी ग्रामीण ने अब तक वोट नहीं डाला है। चुनाव अधिकारी समझाने के लिए आए तो उन्हें दोटूक जवाब देकर वापस भेज दिया गया और कहा गया कि दोबारा मत आना, हम मतदान नहीं करेंगे। विवाद सड़क का बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने ऐलान किया है कि जब तक सड़क नहीं बनेगी, वे मतदान नहीं करेंगे। गांव सैदापुर में बना पोलिंग बूथ नंबर 337 खाली पड़ा है। बूथ के पीठासीन अधिकारी विनायक मेहरोत्रा ने बताया कि उनके बूथ पर कुल 266 वोट हैं, लेकिन सुबह से अब तक एक भी वोट नही पड़ा। रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ ग्रामीण वोट नहीं डालने की जिद पर अड़े रहे।
सड़क और छुट्टा पशुओं को लेकर पांच गांव में मतदान बहिष्कार
सुविधाओं का अभाव और छुट्टा पशुओं की समस्या को लेकर बंडा क्षेत्र के चार गांव के लोगों ने मतदान बहिष्कार कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी ठीक से नहीं मिल पा रही हैं ऐसे में वह मतदान बहिष्कार करने को मजबूर हैं। इसी तरह तिलहर क्षेत्र के गांव ढकिया शोभा में भी ग्रामीणों सड़क बनवाने की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार किया।
बंडा क्षेत्र के गांव दिऊहना के ग्रामीणों ने कहा कि वह आदिवासी की तरह जीवन जी रहे हैं। न ठीक से रोड है और न ही अन्य सुविधाएं मिल रही हैं। ऐसे में वह मतदान बहिष्कार करने को मजबूर हैं। इसी तरह दूसरे गांव अख्तियारपुर धौकल के किसानों ने कहा कि ओलावृष्टि और बारिश में उनकी फसल बर्बाद हो गई। वह लगातार फसल नुकसान के मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिला है। जिसके चलते वह मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं।
इसी तरह कंधरपुर गांव में ग्रामीणों ने कहा कि यहां छुट्टा पशुओं की समस्या बहुत बढ़ गई है और प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। बार-बार मांग करने के बाद भी समस्या से छुटकारा नहीं मिला है। ऐसे में वह मतदान बहिष्कार करने को मजबूर हैं। इसी तरह राईटांडा गांव के लोगों ने मोबाइल टावर न होने को लेकर चुनाव बहिष्कार किया। हालांकि आधे घंटे बाद राईटांडा में मतदान दोबारा शुरू कर दिया गया। सिर्फ आधे घंटे यहां बहिष्कार रहा। इसी तरह 9:15 बजे बख्तियारपुर धौकल में भी मतदान शुरू कर दिया गया। जबकि दिऊहना गांव में मतदान 9:30 बजे तक शुरू नहीं हो सका।
वहीं, तिलहर क्षेत्र के गांव ढकिया शोभा में भी ग्रामीणों ने राष्ट्रीय राजमार्ग से गांव तक पक्का मार्ग बनाने को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। ग्रामीणों ने लिखित आश्वासन मिलने तक मतदान बहिष्कार जारी रखने की बात कही। सुबह 9:30 बजे तक मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। सिर्फ क्षेत्रीय लेखपाल ने गांव में पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नाकाम रहा।
ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताई समस्या
ग्रामीणों को जब पुलिस और चुनाव अधिकारियों ने समझाया तो उन्होंने कहा कि गांव तक आने के लिए सड़क नहीं है। रास्ता ही नहीं है। आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड भी नहीं आती, जिसका खामियाजा हमें ही भुगतना पड़ता है। पोलिंग पार्टिंया भी 3 किलोमीटर पैदल चलकर आई है, लेकिन हम मतदान नहीं करेंगे। बारिश के दिनों में पुलिया भी टूट जाती है। न बच्चों को कहीं भेज सकते हैं, न मार्केट तक सब्जियां जा पाती हैं। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने बहुत मजबूर होकर यह फैसला लिया है। शिकायत करने, गुहार लगाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। वहीं सेक्टर मजिस्ट्रेट संदीप कुमार सिंह ने बताया कि एक भी व्यक्ति वोट डालने नहीं आया। उच्च अधिकारियों को जानकारी दी तो वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। वे अपनी मांग मनवाने के बाद ही मतदान करने पर अड़े हैं।
किसान सम्मान निधि न आने से नाराज ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार किया
मिली जानकारी के अनुसार लखीमपुर नगर पालिका के मॉडल बूथ पर तकनीकी समस्या के चलते मतदान देर से शुरू हुआ। बूथ नंबर 183 पर लोग सुबह ही लंबी कतार में खड़े थे लेकिन तकनीकी खराबी के चलते मतदान शुरू होने में देरी हुई। वहीं लखीमपुर के ही ईसानगर के मुड़िया गांव में लोगों ने मतदान बहिष्कार कर दिया। वहां बूथ सूना पड़ा हुआ है। छुट्टा जानवरों से परेशान गांव वालों ने किया वोटिंग का बहिष्कार किया। गांव को जाने वाला मुख्य मार्ग खराब होने से यह नाराजगी है। मोहम्मदी के नेवली गांव में सुबह नौ बजे तक सिर्फ 3 वोट पड़े थे। रोड खराब होने से मतदाता नाराज हैं। लखीमपुर के ही गोला में पीठासीर अधिकारी पर आरोप लगा है। वहां लोगों ने हंगामा भी किया। गांधी स्कूल के बूथ पर सपा से जुड़े लोगों ने यह आरोप लगाया। लोगों का कहना है कि ईवीएम पर साईकल की बटन नहीं दब रही है। वहीं लखीमपुर के निघासन में बूथ के अंदर मोबाइल ले जाने को लेकर पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। पुलिस ने कहा कि किसी राजनीतिक दल से जुड़ा एक कार्यकर्ता अंदर वीडियो बना रहा था। उसे रोकने पर हंगामा हुआ। पुलिस ने कार्यकर्ता से मोबाइल जब्त कर लिया था।
लखीमपुर के ही मैगलगंज क्षेत्र के खमरिया गांव में किसान सम्मान निधि न आने से नाराज ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार कर दिया। मतदाता डीएम को बुलाने की जिद पर अड़ गए। कस्ता क्षेत्र में कई लोगों ने वोटर लिस्ट से नाम गायब होने का आरोप लगाया। उन्होंने बीएलओ के सामने विरोध प्रदर्शन किया। लखीमपुर की धौरहरा तहसील के मुड़िया गांव में मतदाताओं ने सुबह मतदान का बहिष्कार कर दिया। करीब दस बजे तक एक भी वोट नहीं पड़ा था। मतदाता डीएम के आने और समस्या निस्तारण तक वोटिंग नहीं करने की बात करते रहे। एसडीएम राजेश कुमार ने पहुंचकर लोगों को समझाना शुरू किया। मतदाताओं ने गांव में गौशाला, सड़क पर अतिक्रमण और बाहर निकलने के लिए नाले पर रपटा पुल बनवाने की मांग की। एसडीएम ने एक सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटवाकर सड़क साफ करवाने और 15 दिन के अंदर गौशाला निर्माण का आश्वाशन दिया।